BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।

अथवा
जूनागढ़ अभिलेख किस राजा के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है? रुद्रदामन के जीवन तथा उपलब्धियों पर विस्तृत प्रकाश डालियें।
अथवा
शक शासक रुद्रदामन प्रथम का मूल्यांकन कीजिये।

उत्तर-

इतिहास में यह महाक्षत्रप रुद्रदामन् प्रथम के नाम से प्रख्यात है। यह उज्जयिनी के शकों में सबसे प्रसिद्ध शक शासक था। इसके विषय में जानकारी का सबसे प्रमुख स्रोत इसका जूनागढ़ अभिलेख है। जूनागढ़ अभिलेख रुद्रदामन की प्रशस्ति है। इसकी तिथि 72 शक संवत् अर्थात् - 150 ईस्वी है। इससे प्रकट होता हैं। कि रुद्रदामन् ने कम से कम 150 ई. तक अवश्य राज्य किया था। जिसने सुदर्शन झील के बाँध का पुनर्निमाण करवाया था। रुद्रदामन युद्ध विद्या में निपुण था। वह वीर तथा कुशल शासक होने के साथ-साथ एक सुशिक्षित व्यक्ति भी था। वह अपने शब्द (व्याकरण), अर्थ (राजनीति) गन्धर्व (संगीत) और न्याय (तर्कशास्त्र) आदि के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध था। इनके अतिरिक्त वह गद्य-पद्य काव्यों में भी प्रवीण था। वह विजेता अवश्य था, परन्तु निरर्थक हत्या करना उसे रुचिकर न था। उसने युद्ध के अतिरिक्त अन्यत्र हत्या न करने की प्रतिज्ञा की थी। वह भली-भाँति जानता था कि राज्य की समृद्धि और सुरक्षा के लिए राजकोष की सम्पन्नता आवश्यक है। इसी से इसका कोष कनक (सोना), रजत (चाँदी), वज्र (हीरा ) वैदूर्य-रत्न आदि से भरा रहता था। परन्तु कोष को भरने के लिए उसने कभी भी प्रजा पर धर्म विरुद्ध और अन्यायपूर्ण कर विष्टि (बेगार) और प्रणय ( स्वेच्छादान) आदि नहीं लादें थे। वह न्यायप्रिय नरेश था -

“याथार्थहस्तोच्छयार्जितोक्रियधर्मानुरागेण।"

जूनागढ़ अभिलेख से प्रतीत होता है कि रुद्रादामन या उसके पूर्वजों ने द्वारका के आस-पास का प्रदेश, सौराष्ट्र, कक्ष, सिधु नदी का मुहाना, उत्तरी कोकण, मारवाड़ आदि प्रदेश उनके राज्य में सम्मिलित  थे। ऐसा प्रतीत होता है कि रुद्रदामन पर उसके पूर्वजों ने मालवा, सौराष्ट्र, कोंकण आदि प्रदेशों को सातवाहनों से जीता था। रुद्रदामन ने दुबारा अपने समकालीन शातकर्णी को हराया। परन्तु निकट सम्बन्धी होने को कारण उसे नष्ट नहीं किया। यह शातकर्णी सम्भवतः वशिष्ठीपुत्र पुलुमावि था। संभवतः सिन्धु नदी की घाटी रुद्रदामन ने कुषाण राजा से जीती थी। वह सुदर्शन झील जिसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने बनवाया था और जिसकी मरम्मत अशोक ने करवायी थी, रुद्रदामन के समय फिर टूट गई। तब उसने अपने निजी आय से इसकी मरम्मत करवाई और प्रजा से इसके लिए कोई कर नहीं लिया। रुद्रदामन व्याकरण.. राजनीति, संगीत एवं तर्कशास्त्र का पंडित था। जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत में है और इससे उस समय के संस्कृत साहित्य के विकास का अनुमान लगाया जा सकता है। आन्धौ अभिलेख के अनुसार उसने चष्टन के साथ शासन किया। चष्टन और रुद्रदामन दोनों के साथ 'राजा' की उपाधि का प्रयोग समान रूप से हुआ है। इसने द्वैराज्य प्रणाली का प्रयोग किया था। रुद्रदामन ने चाँदी की मुद्राएं निर्मित कराई थी। समस्त मुद्राओं मे उसके लिए 'महाक्षत्रप' की उपाधि का प्रयोग किया गया है। इन मुद्राओं पर 'जयदामन पुत्रस 'लिखा है और कुछ पर 'जयदाम पुत्रस'। बाद वाली मुद्राओं पर रुद्रदामन् की आकृति वृद्धावस्था की सी लगती हैं। इससे प्रकट होता है कि वह दीर्घकालीन शासन के पश्चात् ही इसकी मृत्यु हुयी थी। जूनागढ़ अभिलेख के अनुसार निम्नलिखित प्रदेश रुद्रदामन् के राज्य के अन्तर्गत सिद्ध होते है - आकर तथा अवन्ती, अनूप, आनर्त (द्वारका) सुराष्ट्र, स्वभ्र मरु (मारवाड़) कच्छ, सिन्धु सौतीर कुकुर (उत्तरी कठियावाड़) अपरान्त (उत्तरी कोकण) निषाद (सरस्वती और पश्चिमी विन्ध्य का प्रदेश )। इन प्रदेशों में सुराष्ट्र, कुकट, अपरान्त और आकरावन्ती के प्रदेश गौतमीपुत्र शातकर्णी के अधीन थे। अतः सपष्ट है कि रुद्रदामन ने उन्हे गौतमीपुत्र के किसी उत्तराधिकारी से जीता था। सातवाहनों की पराजय जूनागढ अभिलेख का कथन है कि रुद्रदामन् ने दक्षिणापथ के राज्य शातकर्णी को दो बार पराजित किया था। रैप्सन महोदय का मत है कि सातवाहन नरेश वासिष्ठीपुत्र पुलुमावि था। अपने अपने मत पोषण में वे कहते है कि पुलुमावि के समय में सातवाहन राज्य संकुचित हो गया था। यही कारण है कि वशिष्ठ पुत्र अपने शासन काल के 19 वें अभिलेख में एकमात्र 'दक्षिणापथेस्वर कहा गया है। जूनागढ़ अभिलेख पराजित शक- नरेश को 'दक्षिणापथपति' कहता है। रुद्रदामन ने अपने विशाल साम्राज्य को अनेक प्रदेशों में विभक्त कर रखा था और प्रत्येक प्रदेश में अपने अमात्य नियुक्त कर रखे थे। जूनागढ़ अभिलेख के अनुसार आनर्त - सुराष्ट्र के प्रदेश से रुद्रदामन् ने सुविशाख को अपना अमात्य नियुक्त किया था। रुद्रदामन् के . चष्टन के राज्य की राजधानी उज्जैन थी। कदाचित् मन्त्रिपरिषद की भी यही राजधानी रही होगी। जूनागढ़ अभिलेख में रुद्रदामन् को 'भ्रष्टराज्य प्रतिष्ठापक कहा गया है। उसका नाम, उसकी राजभाषा (संस्कृत) उसकी मंत्रीपरिषद उसके अधीन विषय, उसके विवाह सभी मिलाकर एक ही बात को प्रमाणित करते हैं कि उसका पूर्णरूपेण भारतीयकरण हों गया था।


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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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